फतेहाबादः अनाज मंडी के पीछे मार्केट कमेटी शैड के नीचे आयोजित श्री मद्भागवत् कथा सप्ताह ज्ञान यज्ञ के दूसर दिन राष्ट्रीय युवा विद्ववान संत राजदास जी महाराज ने कथा के अनेकों प्रसंगो को सुनाया उन्होंने आत्मदेव, धुंधली, गौकरण, धुंधलीकरण ज्ञान भक्ति
वैराग्य आदि कथा प्रसंगो का विस्तार पूर्वक उल्लेख किया। इस अवसर पर स्वामी जी ने भजन 'इक झोली में फूल भरव् है इक झोली में कांटे रव् अरव् कोई कारण होगा' का गायन किया और फरमाया किया कि विष्य विकारों से हमें बचना चाहिए, बुरी संगत का असर बुरा ही होता है , लौकिक धर्म के साथसाथ परलोैकिक धर्म को भी समझे निंदा चुगली न करव्ं सेवा सिमरन सत्संग से अपने जीवन को रसमय बनाए । राजदास जी महाराज ने फरमाया कि भागवत् कथा श्रवण मनन अध्ययन करने से मनुष्य के दुख दूर हो जाते है । जीवन में チाुशियां ही खुशियां आ जाती है भागवत् में दर्ज भगवान की वाणी को ध्यान लगाकर श्रवण कर जीवन में अपनाए तो जीवन सफल हो जाता है भागवत् कथा मोक्ष दायिनी भी है। गौकरण ने धुंधकारी के निमित कथा करवाई तो धुंधकारी प्रेत योनि से मुक्त होकर देव योनि को प्राप्त हुआ। कथा को एक सुनकर दूसरव् कान मत निकाले इस कथा को हृदय के भीतर की गहराईयों में उतार ले ताकि हमारा जीवन का परिवर्तन हो जाए। जीवन में नई धर्म क्रांति का संचार हो। प्रवचनों के अंत में उन्होंने भजन 'दरबार में बंसी वाले के दुःख दर्द मिटाए जाते है' का गायन कर समां बांध दिया।
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