श्रीकृष्ण प्रेम करना सिखाते हैं: संत राजदास जी

श्रीमद्‌भागवत कथा का चौथा दिन
फतेहाबादः अनाजमंडी के पीछे शैड तले चल रही श्रीमद्‌भागवत कथा के चौथे दिन कैमरी आश्रम के संत स्वामी राजदास जी महाराज ने अपने मुखारविंद से श्रद्धालुओं पर
अमृतवर्ष करते हुए कहा कि कृष्ण प्रेम करना सिखाते हैं, कृष्ण इस धरा पर आए थे उससे पहले प्रेम नहीं था, प्रेम करना तो श्रीकृष्ण ने ही सिखाया है। मोह ओर प्रेम में अंतर बताते हुए कहा कि परिवार के लोग करते हैं वह मोह है प्रेम नहीं, मोह में शोष्ण होता है और प्रेम में पोष्ण होता है, मोह शरीर से किया जाता है प्रेम आत्मा से किया जाता है। इसलिए मोह करने की बजाय सभी से प्रेम करना चाहिए। स्वामी राजदास जी ने कहा कि पहले स्त्रियां उपवास करती थी, उपवास का मतलब परमात्मा के नजदीक बैठना होता है। आपका उपवास तभी समाप्त होगा जब आप बुराईयों को त्यागें, पाखंड न करव्ं। संत राजदास ने कहा कि हमें सच्चा इंसान बनना है सच्चा इंसान वही है जो मानवता का पाठ पढे़ और पढ़ाए न कि नफरत की दीवार खडी करव्। आज का इंसान धर्मो में बंटकर इंसानियत को भूलता जा रहा है जिस कारण इंसान ही इंसान का दुश्मन बन गया है। उन्होंने उदाहरण देते हुए कहा कि अगर हम पानी को वाटर कहें या नीर कहें तो रहेगा तो वो पानी ही। यही स्थिति मानव की है चाहे हम उसें हिंदु कहें या मुसलमान कहें सिख कहें या इसाई कहें लेकिन है तो वो इंसान ही। भागवत कथा के दौरान शानदार झांकियां ाी प्रस्तुत की गई

प्रेम करना सीख लो, जीवन संवर जाएगाः संत राजदास जी

श्रीमद्‌भागवत कथा का तीसरा दिन
फतेहाबादः अनाजमंडी के पीछे शैड तले आयोजित श्रीमद्‌भागवत कथा के तीसरव् दिन श्रद्धालु संत राजदास जी के भजनों पर जमकर झूमे। तीसरे दिन अनमोल वचनों की अमृतवर्ष करते हुए संत राजदास जी महाराज ने कहा कि भक्ति जिसके जीवन में आ जाए उसके जीवन में प्रेम भर जाता है और जिसने प्रेम करना अपना लिया वहां कभी कलह नहीं हो सकता। ज्ञान
के बिना मनुष्य पशु कें समान हैं। स्वामी जी ने कहा कि काम, क्रोध, मोह, लोभ, अहंकार का तयाग कर दो, जीवन में परिवर्तन लाओ, दीन दुखियों की सेवा अपनाओ, सेवा से पार पाओगे। स्वामी राजदास जी ने कहा कि जब भक्त चालाक बन जाते हैं तो परमात्मा कभी नहीं आते। ध्रुव के पास आ गये। प्रह्‌लाद के पास आ गये। भीलनी के पास आ गये। यों कि उनमें दीन भाव था। उन्होंने अपने आप को कुछ नहीं समझा। उन्होंने परमात्मा के सिवा कुछ जाना ही नहीं । बच्चे में जब तक चालाकी नहीं है तब तक तो वह परमात्मा यानि माँ को पुकारता है। जब चालाकी आ जाती है तब वह छलांग लगा देता है। मुझे ये चीज चाहिये। मुझे वह चीज चाहिये। फिर जो रोता है न वो माँ नहीं देखती। इसी प्रकार भक्त और भगवान का है। कभी भी परमात्मा के लिये नहीं रोते। यदि सच्चे दिल से परमात्मा को याद किया जाए तो परमात्मा भी अपने भक्त के पास चले आते हैं। इस अवसर पर स्वामी राजदास जी द्वारा गाए गए 'गाड़ी वाले मन्नैं बिठाले, इक वारी ले थाम मैं हार गया', सतगुरु मैं तेरी पतंग हवा विच उड़दी जावांगी, मेरव् दुख के दिनों में मेरा शाम बड़ा काम आता है' आदि भजनों पर श्रद्धालु जमकर झुमें।
कार्यक्रम के मीडिया प्रभारी शाम सरदाना ने कहा कि समारोह में श्रद्धालु भारी संख्या में उमड़ रहे हैं। उन्होंने बताया कि कथा का समापन रविवार 19 दिसबर को होगा।

भागवत्‌ कथा श्रवण मनन से होते हैं दुख दूरः संत राजदास जी

श्रीमद्‌भागवत कथा का दूसरा दिन
फतेहाबादः अनाज मंडी के पीछे मार्केट कमेटी शैड के नीचे आयोजित श्री मद्‌भागवत्‌ कथा सप्ताह ज्ञान यज्ञ के दूसर दिन राष्ट्रीय युवा विद्ववान संत राजदास जी महाराज ने कथा के अनेकों प्रसंगो को सुनाया उन्होंने आत्मदेव, धुंधली, गौकरण, धुंधलीकरण ज्ञान भक्ति
वैराग्य आदि कथा प्रसंगो का विस्तार पूर्वक उल्लेख किया। इस अवसर पर स्वामी जी ने भजन 'इक झोली में फूल भरव् है इक झोली में कांटे रव् अरव् कोई कारण होगा' का गायन किया और फरमाया किया कि विष्य विकारों से हमें बचना चाहिए, बुरी संगत का असर बुरा ही होता है , लौकिक धर्म के साथसाथ परलोैकिक धर्म को भी समझे निंदा चुगली न करव्ं सेवा सिमरन सत्संग से अपने जीवन को रसमय बनाए । राजदास जी महाराज ने फरमाया कि भागवत्‌ कथा श्रवण मनन अध्ययन करने से मनुष्य के दुख दूर हो जाते है । जीवन में チाुशियां ही खुशियां आ जाती है भागवत्‌ में दर्ज भगवान की वाणी को ध्यान लगाकर श्रवण कर जीवन में अपनाए तो जीवन सफल हो जाता है भागवत्‌ कथा मोक्ष दायिनी भी है। गौकरण ने धुंधकारी के निमित कथा करवाई तो धुंधकारी प्रेत योनि से मुक्त होकर देव योनि को प्राप्त हुआ। कथा को एक सुनकर दूसरव् कान मत निकाले इस कथा को हृदय के भीतर की गहराईयों में उतार ले ताकि हमारा जीवन का परिवर्तन हो जाए। जीवन में नई धर्म क्रांति का संचार हो। प्रवचनों के अंत में उन्होंने भजन 'दरबार में बंसी वाले के दुःख दर्द मिटाए जाते है' का गायन कर समां बांध दिया।

ज्ञान भति और वेराग्य से जीवन बने रसमयःसंत राजदास

श्रीमद्‌भागवत कथा का प्रथम दिन
फतेहाबादः ज्ञान भति और वेराग्य जीवन में आ जाए तो जीवन रसमय हो जाता है । यह बात युवा राष्ट्रीय संत राजदास जी महाराज ने अपने मुखारविन्द से श्रीमद्‌भागवत कथा में उपस्थित श्रद्धालुओं को प्रवचन करते हुए कही। कथा के प्रथम दिन मुチय यजमान मुチय संसदीय सचिव प्रहलादसिंह गिलांखेडा थे। प्रवचन में युवा संत ने कहा कि श्रीमद्‌भागवत कथा के सुनने से जहां पूर्ण जीवन की प्राप्ति होती है वहीं जीवन पापों से मुत हो जाता है। उन्होंने संतों की महिमा बताते हुए कहा कि सच्चे
संत के दर्शन मात्र से ही मनुष्य के जन्म जन्मातरों के पाप नष्ट हो जाते हैं। आह्वान करते हुए संत ने कहा कि मनुष्य को निंदा चुगली से बचना चाहिए ताकि बुर व्यसनों में फंसकर जीवन व्यर्थ न जाए। इस अवसर पर मुチय यजमान प्रहलादसिंह ने कहा कि हमें समय निकालकर श्रीमद्‌भागवत को सुनना चाहिए योकि सारी जिंदगी भागदौड़ में ही बीत जाएगी जो जीवन का महत्व ही समाप्त हो जाएगा। इससे पूर्व जमू के संत उमेशानंद जी, वृंदावन के मुकंद शरण शास्त्री, बीरन के बनवारीलाल जी, उाराखंड के सागर जी महाराज, सिक्कम के बाबा मस्तनाथ, बनगांव के आत्माराम जी महाराज, प्रेम गिरी जी महाराज व बहन प्रोमिला जी ने भजन व सत्संग के माध्यम से श्रद्धालुओं को निहाल किया। इस अवसर पर बाल कलाकारों द्वारा तेरी यमुना दा मीठा मीठा पानी मटकिया भर लेन दे भजन पर सुंदर झांकी प्रस्तुत की गई।

भव्य कलश यात्रा में उमड़ा श्रद्धालुओं का सैलाब

संत राजदास जी के सानिध्य में भागवत सप्ताह का शुभारंभ
फतेहाबादः राष्ट्रीय युवा संत स्वामी राजदास जी महाराज के सान्निध्य में सोमवार से आयोजित होने वाले संगीतय श्रीमद्‌भागवत सप्ताह ज्ञान यज्ञ महोत्सव के उपलक्ष्य में आज नगर में भव्य कलश
शोभायात्रा का आयोजन किया गया, जिसमें 1108 कलशों के साथ महिलाओं ने भाग लिया। इस कलश
यात्रा का शुभारंभ भोडियाखेड़ा के सरपंच जयसिंह गढ़वाल ने किया। मॉडल टाउन में गीता मंदिर से बाजेगाजों के साथ चली कलशयात्रा में कारवां इतना लबा था
कि लोग देखते रह गए। कलश यात्रा में महिलापुरूष् भजनकीर्तन करते हुए अरोड़वंश धर्मशाला रोड़, थाना रोड़ से होते हुए भट्‌टू रोड़ पर अनाजमंडी में पहुंचे। इस शोभायात्रा में तीन रथों पर स्वामी राजदास जी महाराज, स्वामी दयालदास जी महाराज कैमरी वाले, मुकुंद शास्त्री जी वृंदावन तथा उमेशानंद जी महाराज जमू वाले सवार थे।
कथा स्थल पर पहुंचने के बाद पुलिस कप्तान जगवंत सिंह लाबा ने अपने करकमलों से भागवत सप्ताह का शुभारंभ किया। समारोह में उपस्थित श्रद्धालुओं को संबोधित करते हुए पुलिस कप्तान ने कहा कि आज हमें संकल्प लेना होगा कि इस धार्मिक आयोजन में हम अपनी बुराईयों को यहीं पंडाल के बाहर छोड़कर घर जाएं तथा अच्छाईयों को अपने जीवन में अपनाकर जीवन को धन्य बनाएं।
भागवत ज्ञान यज्ञ सप्ताह का आगाज करते हुए युवा राष्ट्रीय संत राजदास जी महाराज ने अपने मुखारविन्द से भजन 'लहरलहर लगी है' सुनाकर श्रद्धालुओं को मंत्रमुग्ध कर दिया तथा विधिवत आयोजन का शुभारंभ किया।

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