हरियाणा वासियों की जहां देवीदेवताओं व संत महापुरुषें के प्रति शुरु से ही अगाध आस्था रही है वहीं हरियाणा के विभिन्न ाागों में महापुरुषें की
याद में बने आश्रम श्रद्धालुओं की श्रद्धा को दर्शाते हैं। इसी तरह स्वामी राजदास जी महाराज द्वारा संचालित कैमरी (हिसार) में स्थित श्री कृष्ण प्रणामी बाल सेवा आश्रम सेवासत्संगसुमिरण की अद्भूत मिसाल है। आश्रम में स्थित श्री कृष्ण प्रणामी मंदिर के दर्शनों के लिए श्रद्धालु दूरदूर से श्रद्धावश खिंचे चले आते हैं। यह मंदिर आश्रम की सुंदरता को चार चांद लगाता है। इस आश्रम का संचालन पिछले 34 वर्षो से स्वामी दयालदास जी महाराज व उनके परम शिष्य स्वामी राजदास जी महाराज जी द्वारा होता आ रहा है। आश्रम में 60 के लगभग अनाथ लड़के व लड़कियां हैं। इसके अलावा काफी संチया में वयोवृद्ध बुजुर्ग भी हैं। करीबन 150 के लगभग लोग इस आश्रम में रहते हैं। आश्रम का सारा チार्च श्रद्धालुओं के द्वारा अर्पित किए हुए दान से ही चलता है। आश्रम में विशाल गऊशाला भी है जिसमें लगभग 60 गऊएं हैं। गऊओं की सेवा आश्रम में रहने वाले श्रद्धालुओं द्वारा बड़े ही श्रद्धाभाव के साथ की जाती है।
आश्रम में अनाथ बच्चों के पालन पोष्ण की सेवा कार्य सुशीला प्रणामी कर रही हैं। सुशीला प्रणामी छोटे अनाथ बच्चों को बड़ा ही लाडप्यार देकर पालती हैं। दशकों पुराने इस आश्रम में छोटे बच्चों को शिक्षित करने के अलावा उन्हें अपनी जिमेवारी को समझने व पैरों पर खड़ा होने के काबिल भी बनाया जाता है ताकि उनका भविष्य उज्जवल हो। सुशीला प्रणामी के जीवन का मुチय उद्देश्य मानव सेवा ही माधव सेवा है व नन्हें मुन्ने बच्चों में ही भगवान को देखती हैं। उनका मानना है कि इन नन्हे मुन्ने ममता की प्रतिमूर्तियों की सेवा से बढकर कोई सेवा नहीं है। सुशीला बाई जिन्होंने अपना पूरा जीवन इन बच्चों के पालनपोष्ण में लगा रखा है। शायद ये दुनियां की औरतों से निराली मां है, जो एकएक दिन के बच्चों को अपने सीने से लगाकर पालती है। इनकी ममता का आंचल इतना बड़ा है कि कोई भी व्यक्ति शायद इसका अंदाजा भी नही लगा सकता।
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